Shivangi Verma, Jaipur

शिवांगी वर्मा, जयपुर

मैंने टीचर्स ट्रेनिंग कोर्स के लिए योगापीस ज्वाइन किया था उस समय मुझे  माइग्रेन और डिप्रेशन की  भी  परेशानी थी | मेरे पेरेंट्स ने मुझे योग ट्रेनिंग करने के लिए प्रेरित किया लेकिन मुझे लगा की योगापीस में क्या नया होगा लेकिन जब मैं गुरूजी मिली तो गुरूजी ने स्माइल मॉर्निंग बेटा कहकर बुलाया,मैंने गुड मॉर्निंग तो सुना था लेकिन स्माइल मॉर्निंग ..यह शब्द मुझे बहुत पॉजिटिव लगे |

उस दिन से लेकर आज तक गुरूजी के साथ रहते हुए मैंने उनसे बहुत कुछ सीखा. अपने अभी तक के जीवन में मैं एक ऐसे व्यक्तित्व के धनी पुरुष से मिली जिसमे देह -अभिमान दूर तक नहीं है | वो हमेशा अपने बच्चों के और दुसरो की मदद के लिए तैयार रहते है | गुरूजी से मिलने के महीने भर में डिप्रेशन पूरी तरह से ख़त्म हो गया | इसके लिए मैंने कोई भी दवाई नहीं ली बस गुरूजी के साथ रहते हुए उनके द्वारा दी गयी सीखों को अपने जीवन में उतारा, गुरूजी मेरे लिए 'पिता से न तो कम है और न ही ज्यादा | अगर दुसरी शब्दों में बोलूं तो मुझे एक जन्म में और दूसरे पिता (गुरूजी) के रूप में मिल गए जो खुद से ज्यादा अपने बच्चों  का ध्यान रखते है | मैं बहुत सौभाग्यशाली हूँ जो मुझे अमूल्य वरदान मिला जो लोगो को बहुत मुश्किल से मिलता है |

"एक गुरु जो गुरु के साथ साथ पिता के सामान अपने बच्चों का ध्यान रखते है | आपका आशीर्वाद हमेशा मेरे साथ रहे |"